गाल-ब्लैडर(पित्त) की पथरी का बिना ऑपरेशन ईलाज

दवा का कोई दुष्प्रभाव नहीं

जर्मन होम्योपैथिक दवा से जड़ से ईलाज

डॉक्टर कंसल्टेशन उपलब्ध

अब तक हम हजारों पित्त की पथरी के मरीजो का ईलाज कर चुके हैं, देखिये मरीजों की रिपोर्ट्स

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14500+ पित्त की पथरी के रोगियों का सफलतापूर्वक ईलाज

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100+ पथरी रोगी प्रतिदिन हमारे डॉक्टर से कंसल्ट करते हैं

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92% मरीजों को दुबारा पथरी नहीं बनी

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पित्त की पथरी के लिए हमारी दवा कैसे काम करती है

रोगी का वैयक्तिकरण (individualization) ही दवा चयन का मूल आधार है ! रोगी द्वारा बताये गये लक्षणों और रिपोर्ट्स के आधार पर दवाई का चयन किया जाता है ! हमारे डॉक्टर मरीज से बात करके, दवाई मरीज के केस के अनुसार ही देते है।

पित्त की पथरी के लिए हमारी दवाई 3 भाग में बांट कर दी जाती है

1 . पथरी को घोलने(dissolve) के लिए दवा:- लिवर से जब पित्त बाहर निकलता है, तो वह पित्त की थैली में आकर इक्कठा हो जाता है, जब हम खाना खाते है, तो पित्त की थैली से पित्त बाहर निकलता है और छोटी आंत में जाता है, जो खाना पचाने में मदद करता है | यह पित्त कुछ कारणों से गाढ़ा होने लगता है और धीरे धीरे पथरी का रूप धारण कर लेता है|

गॉलब्लडर का मुँह सीधा न होने के कारण पथरी का सीधा निकलना मुश्किल है इसलिए पथरी घुल(dissolve) कर ही निकल सकती है| दवाई से पथरी को पूरी तरह dissolve करने के लिए 3 महीने से 1 साल तक का समय लग सकता है, पथरी घुल रही है यां नहीं ये चेक करने ले लिए हर 3 महीने बाद आपको अल्ट्रासाउंड करवाना होता है अगर पथरी जायदा मजबूत(dense) नहीं है तो उसके घुलने के चांस उतने ही ज्यादा होते है| जब पथरीयां दवा से घुल जाती है तो ये common bile duct के रस्ते से निकल जाती है| यह दवा पथरीयों को घोलने के साथ साथ नई पथरियां बनने से भी रोकती है| 

2. पाचन शक्ति को बढ़ाने की दवा:- पित्त की पथरी होने पर मरीज की पाचन शक्ति(Digestive Power) कमजोर हो सकती है| उसके कारन आपको दर्द, गैस और अन्य दिक्कते हो सकती है और नयी पथरीया  बनने की संभावना बनी रहती है| इसलिए आपकी पाचन शक्ति का सही होना जरूरी है इसलिए आपकी पाचन शक्ति को सही रखने के लिए भी दवा दी जाती है|  

3. तेज दर्द जा अन्य दिक्कतों की दवाएं:- पथरी हिलने पर जा ज्यादा फैट वाला खाना खाने से मरीज को दर्द, गैस, उलटी जा अन्य दिक्कते हो सकती है| मरीज के लक्षणों के आधार पर इन दिक्कतों की दवाएं भी साथ दी जाती है जिससे मरीज को तुरंत राहत मिल सके| 

हम ईलाज के लिए सिर्फ जर्मन होम्योपैथिक दवाईयों का इस्तेमाल करते हैं| जो आपकी बीमारी की जड़ पर काम करती है और आपको बिना किसी दुष्प्रभाव के पथरीयों से छुटकारा दिलवाती हैं| दवाई  के साथ आपको खाने पीने की कुछ चीजों का ध्यान भी रखना होता है जो आपको दवाई के साथ लिखा हुआ मिलता है| 

दवा मंगवाने से पहले आपको हमे अपने और आपकी बीमारी के बारें में थोड़ी जानकारी देनी होती है, जो आप हमे निचे दिए गये फॉर्म में दे सकते हैं| उसके बाद आपको अपनी रिपोर्ट्स हमें WhatsApp पर भेजनी होती है| आपकी रिपोर्ट्स आने के बाद  हमारे डॉक्टर आपको कॉल करके आपकी बीमारी के बारे में पूरी जानकारी लेते हैं अगर आपको कोई बीमारी के बारे अन्य जानकारी लेनी हो तो उस समय आप कॉल पर ले सकते हैं| मरीज की रिपोर्ट्स और बीमारी के लक्षणों के अनुसार आपको दवाई दी जाती है| 

दवा के फायदे 

  • अगर कोई मरीज ऑपरेशन(सर्जरी) नहीं करवाना चाहता तो उसके लिए यह दवा लाभदायक हो सकती है|
  • पथरी के कारण होने वाली दिक्कतों से राहत दिलवाती है| 
  • नई पथरीया बनने से रोकती है और पुरानी पथरीयो को घोल कर बाहर निकालने का काम करती है| 
  • आपकी पाचन शक्ति को मजबूत करती है| 

क्या आप पथरी का जड़ से ईलाज चाहते हैं? आज ही डॉक्टर कंसल्टेशन बुक करे

गाल ब्लैडर (पित्ताशय) क्या है?
यह हमारे शरीर के दाये साइड पसली के नीचे जिगर (लिवर) के बिलकुल नीचे एक थैली नुमा अंग होता है। इस का मुख्य काम लिवर से निकला हुआ पित्त को इकट्ठा करके रखना है। यह पित्त खाना पचाने में मदद करता है |
पित्त की सरचना क्या है ?
(97-98)% पानी, 0.7% पित्त लवण (बाइल साल्ट ), 0.2% बिलीरुबिन, 0.51% वसा (कोलेस्ट्रॉल, फैटी एसिड, और लेसिथिन), और 200 mEq/L अकार्बनिक लवण (इनऑर्गेनिक साल्ट)
पित्त की पथरी कितने तरह की होती है ?
  • 80% पित्त पथरी कोलेस्ट्रॉल की होती है। यह हरे और पिले रंग के होते है।
  • पिग्मेंट पथरी  छोटे और गहरे रंग के होते हैं। वे बिलीरुबिन से बने होते हैं, जो पित्त से आता है।
  • मिक्स्ड पथरी  कोलेस्ट्रॉल और बिलीरुबिन एवं कैल्शियम फॉस्फेट के बने होते है।

जब पथरी पित्ताशय में होती है तो उसे कोलिलिथिआसिस (cholelithiasis) कहा जाता है, अगर पथरी निकल कर बाइल डक्ट में आ जाए तो उसे कोलिकोलिथिआसिस(choledocholithiasis) भी कहा जाता है।

कैसे बनती है पित्त में पथरी
पाचन के लिए आवश्यक एंजाइम को सुरक्षित रखने वाले महत्वपूर्ण अंग यानी पित्ताशय से जुड़ी सबसे प्रमुख समस्या यह कि इसमें स्टोन बनने की आशंका बहुत अधिक होती है, जिन्हें गॉलस्टोन कहा जाता है। जब गॉलब्लैडर में तरल पदार्थ की मात्रा सूखने लगती है तो उसमें मौज़ूद माइक्रोन्यूट्रिएंट तत्व एक साथ जमा होकर छोटे-छोटे पत्थर के टुकड़ों जैसा रूप धारण कर लेते हैं, जिन्हें गॉलस्टोन्स कहा जाता है।

कभी-कभी पित्ताशय में कोलेस्ट्राल, बिलीरुबिन और पित्त लवणों का जमाव हो जाता है। अस्सी प्रतिशत पथरी कोलेस्ट्राल की बनी होती है। धीरे धीरे वे कठोर हो जाती हैं तथा पित्ताशय के अंदर पत्थर का रूप ले लेती हैं। कोलेस्ट्रॉल स्टोन पीले-हरे रंग के होते हैं।

पित्त की पथरी के लक्षण
कुछ रोगियों को साधारण कष्ट रहता है जैसे अपच, अफारा, लम्बी डकारें आना (विशेषकर वसायुक्त भोजन के बाद), कभी-कभी या हमेशा पेट के ऊपरी दाहिने भाग में मीठा-मीठा दर्द रहना, आदि । गंभीर-कुछ रोगियों को एकाएक छटपटाने वाला तेज दर्द उलटी के साथ शुरू हो जाता है। यह दर्द पेट के ऊपरी दाहिने हिस्से से शुरू होकर पीठ तक फैलता है। कभी-कभी बुखार भी हो जाता है। सही इलाज ना करवाने पर रोग बढ़कर अन्य जटिलताएं पैदा कर सकता है।
गॉलब्लेडर के ऑपरेशन(surgery) के नुक्सान
अगर कोई मरीज गॉलब्लेडर का ऑपरेशन करवाता है तो उसका गॉलब्लेडर(पित्त की थैली) बाहर निकाली जाती है | जिसके कारण लिवर से निकला हुआ पित्त स्टोर करने की जगह नहीं रहती है जो पित्त खाना पचाने में मदद करता है | गॉलब्लेडर निकाल देने से आपकी पाचन शक्ति कमजोर हो सकती है और उच्च बसा(fat) वाला खाना खाने से Ingestion हो सकती है | इसके ईलावा मरीज को एसिडिटी, गैस, उलटी और कब्ज़ की दिक्कत रहने लगती है अगर कब्ज ज्यादा देर तक रहे तो बवासीर(piles) भी  हो सकती है |
गॉलब्लेडर स्टोन का ऑपरेशन(surgery) करवाना कब जरूरी है
  1. अगर मरीज को बहुत ज्यादा दर्द रहता है और लगातार दर्द रहता है |
  2. अगर कुछ भी खाने से मरीज को उलटी होती है |
  3. अगर गॉलब्लेडर पथरीयों से पूरा भरा हुआ है | 
  4. अगर गॉलब्लेडर पूरी तरह सिंघूड़ गया है और अपना काम नहीं कर रहा है |  

अब तक हम हजारों पथरी के मरीजो का ईलाज कर चुके हैं| उनमे से देखिये कुछ मरीजों की रिपोर्ट्स

हमारे डॉक्टर के बारे में जाने

डॉ. सिमरनजीत कौर बरार

डॉ. सिमरनजीत कौर बरार

बीएचएमएस, सीएनसीसी - मुख्य प्रबंध निदेशक (Reg. No:- CHSM-PB-4000A )

भारत के प्रसिद्ध होम्योपैथिक चिकित्सकों में से एक, डॉ. सिमरनजीत कौर बरार, बीएचएमएस, सीएनसीसी और एचएमसी पूर्व चिकित्सा अधिकारी- अबोहर, जिन्होंने हमेशा नए युग के स्वास्थ्य समाधान प्रौद्योगिकी के उपयोग के माध्यम से होम्योपैथी के लाभों का विस्तार करने के लिए लगन से काम किया है। वह गुर्दे और पित्त की पत्थरी, पित्त की पथरी के कारण दर्द, गैस, फैटी लिवर, बदहजमी, बार बार पथरी बनना और इसके अलावा अन्य गॉलब्लेडर  की समस्याओं का विशेष रूप से इलाज करते है। उन्होने भारत और दुनिया भर में हजारों रोगियों का सफलतापूर्वक इलाज किया है।

डॉ।. सिमरनजीत होमियो-सॉल्यूशंस के संस्थापक और मुख्य प्रबंध निदेशक हैं। होम्योपैथी को एक प्रभावी और वैज्ञानिक चिकित्सा प्रणाली के रूप में स्थापित करने के उद्देश्य से होमियो-सॉल्यूशंस का सेट-अप किया | यहां, वह स्वास्थ्य देखभाल की व्यापक तकनीकों का अभ्यास करते है | उन्होने गुर्दे और पित्त की पथरी की बीमारी, प्रबंधन और उपचार के बारे में कई ब्लॉग भी लिखे हैं। 

उनके विशेषज्ञ मार्गदर्शन में, होमियो-सॉल्यूशंस ने पिछले कई वर्षों में विभिन्न बीमारियों वाले रोगियों के लिए लागत प्रभावी और सुरक्षित उपचार किया है। जब भी मरीज डॉ से संपर्क करते हैं, होमियो-सॉल्यूशंस में डॉ. सिमरनजीत, वह उन्हें एक पारिवारिक चिकित्सक के रूप में मानते है, प्रत्येक रोगी को उन्नत होम्योपैथिक दवाओं और अत्यधिक देखभाल के साथ इलाज किया जाता है।

अगर आप पथरी यां पथरी के कारण किसी अन्य समस्या का इलाज चाहते तो निचे दिए गए फार्म में अपने और आपकी बीमारी के बारे में जानकारी दें| उसके बाद हमारे डॉक्टर आपसे संपर्क करेंगे|

हमारी दवा लेने के फायदे

बिना ऑपरेशन ईलाज

आप ऑपरेशन से बच सकते है | ऑपरेशन से हमारे शरीर पे कई दुष्प्रभाव पड़ते हैं | पित्त की थैली बाहर निकाल देने से आपकी पाचन शक्ती पर बुरा प्रभाव पड़ता है |

जड़ से ईलाज

हमारी दवा आपकी बीमारी की जड़ पर काम करती है और पथरी के कारन होने वाली दिक्कतों को ख़तम करती है | हमारी दवा लेने से आपकी पाचन शक्ति बढ़ती है |

सस्ता और प्रभावशाली ईलाज

हमारी दवा सस्ती और हानिरहित है | हम सिर्फ जर्मन दवा से ईलाज करते है जो बिना किसी दुष्प्रभाव से आपकी बीमारी पर काम करती है |

होम्योपैथिक ईलाज दुसरे इलाजों से बेहतर कैसे है?

होम्योपैथिक एक 100% प्रकृतिक ईलाज है | होम्योपैथिक दवाई सेवन करने से हमारे शरीर पर कोई भी दुष्प्रभाव नहीं होता है। वही दूसरी ओर अँग्रेजी दवाइयो का लंबे समय तक सेवन करने से हमारे शरीर के कई मुख्य अंगो जैसे किडनी, लिवर पर गहरा दुष्प्रभाव पड़ता है।

पथरी के ईलाज के लिए आपको ज्यादातर डॉक्टर ऑपरेशन की सलाह देते हैं जिसके आपके शरीर पर और भी कई दुष्प्रभाव होते हैं और आपका हजारों रूपए ऑपरेशन पर लग जाता है | पित्त की थैली बाहर निकाल देने से आपकी पाचन शक्ती पर बुरा प्रभाव पड़ता है | हमारी होम्योपैथिक दवाई आपके पथरी निकालने के साथ साथ पथरी बनने के कर्ण पर भी काम करती है | पथरी के कारन होने वाली दिक्कतों को ख़तम करती है और दवा से आपकी पाचन शक्ति बढ़ती है |